Author(s):
सुमन गर्ग, कमला वशिष्ठ, नरेन्द्र कुमार गर्ग
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sumang.garg@gmail.com
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श्रीमती सुमन गर्ग, श्रीमती कमला वशिष्ठ, एवं नरेन्द्र कुमार गर्ग,
1ंव्याख्याता, डी.सी.एस. शिक्षक प्रशिक्षण महिला महाविद्यालय, जयपुर (राजस्थान)
2निदेशक, स्कूल आफ एज्यूकेशन, जयपुर (राजस्थान).
3रीडर शिरडी साईं बाबा आयुर्वेदिक मेडिकल काॅलेज, रेनवाल (जयपुर ) राजस्थान.
*Corresponding Author
Published In:
Volume - 4,
Issue - 3,
Year - 2013
ABSTRACT:
पृष्ठभूमि आज विश्व में सबसे प्रचलित और महत्वपूर्ण शब्द है ’पर्यावरण’। पर्यावरण आज जीवन दर्शन बन चुका है। पर्यावरण मानव अथवा समस्त प्राणी जगत के चारोंओर फैला हुआ वह प्राकृतिक, जैविक और सामाजिक आवरण है, जिसमें मनुष्य तथा समस्त जीव रहते है। पर्यावरण एक समष्टि है और मानव इस समष्टि का अंग है। दोनों का ही अस्तित्व स्वतंत्र नहीं है बल्कि दोनों का अन्योन्याश्रित संबंध है। उद्देश्य बी.एस.टी.सी. में अध्ययनरत शिक्षक प्रशिक्षणार्थियों की पर्यावरण संबंधी अवधारणाओं का लिंग भेद के आधार पर अध्ययन करना। न्यादर्श प्रस्तुत शोध अध्ययन में शोधार्थी ने जयपुर क्षेत्र के ग्रामीण व शहरी बी.एस.टी.सी. महाविद्यालयों के शिक्षक प्रशिक्षणार्थियों को न्यादर्श के रूप में चुना है, जिनकी संख्या 120 है।
Cite this article:
सुमन गर्ग, कमला वशिष्ठ, नरेन्द्र कुमार गर्ग,. बी.एस.टी.सी. (प्राथमिक स्तर के शिक्षक-प्रशिक्षणार्थी) में अध्ययनरत् शिक्षक प्रशिक्षणार्थियों की पर्यावरण संबंधी अवधारणाओं का लिंग भेद के आधार पर अध्ययन . Research J. Humanities and Social Sciences. 4(3): July-September, 2013, 361-366.
Cite(Electronic):
सुमन गर्ग, कमला वशिष्ठ, नरेन्द्र कुमार गर्ग,. बी.एस.टी.सी. (प्राथमिक स्तर के शिक्षक-प्रशिक्षणार्थी) में अध्ययनरत् शिक्षक प्रशिक्षणार्थियों की पर्यावरण संबंधी अवधारणाओं का लिंग भेद के आधार पर अध्ययन . Research J. Humanities and Social Sciences. 4(3): July-September, 2013, 361-366. Available on: https://rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2013-4-3-14