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किरण वर्मा, आभा तिवारी
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किरण वर्मा1 एवं आभा तिवारी2
1शोध छात्रा, हिन्दी, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर
2प्राध्यापक, हिन्दी, शा.दू.ब.म.स्ना. महाविद्यालय, रायपुर
*Corresponding Author:
Published In:
Volume - 2,
Issue - 3,
Year - 2011
ABSTRACT:
साहित्यशास्त्र में उपन्यास और कहानी के छः तत्व माने गये हैं। किसी उपन्यास की समीक्षा करते समय या उसके विषय में बातें करते समय इनका विवेचन काम में आता है, ये तत्व - कथानक, पात्र, संवाद, देशकाल, भाषा और शैली तथा उद्देश्य हंै। कथानक उस सामग्री का नाम है जिसे लेखक जीवन से चुनता है, जिसे पात्र, क्रिया व्यापार और घटनाओं के संबंध में निरूपित किया जाता है। पात्र या चरित्र वे व्यक्ति हैं, जिनके द्वारा घटनाएँ घटती हैं। उपन्यास जगत में पात्रों के मध्य बातचीत को कथोपकथन या संवाद कहते हैं। देशकाल से अभिप्राय उस काल और स्थान विशेष से रहता है, जिसका आधार उपन्यास का कथानक अथवा वस्तु-विन्यास ग्रहण करता है। भाषा और शैली उपन्यासकार की अभिव्यंजना पद्धति होते हैं तथा रचनाएँ किसी-न-किसी उद्देश्य की पूर्ति अवश्य करती हैं।
Cite this article:
किरण वर्मा, आभा तिवारी. श्री नरेश मेहता के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के विविध पक्षों का सर्वेक्षण. Research J. Humanities and Social Sciences. 2(3): July-Sept., 2011, 110-114.
Cite(Electronic):
किरण वर्मा, आभा तिवारी. श्री नरेश मेहता के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के विविध पक्षों का सर्वेक्षण. Research J. Humanities and Social Sciences. 2(3): July-Sept., 2011, 110-114. Available on: https://rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2011-2-3-7
संदर्भ ग्रंथ
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