Author(s): कमलेश ग¨गिया, हेमलता ब¨रकर

Email(s): kamleshgogia@gmail.com

DOI: Not Available

Address: कमलेश ग¨गिया1] हेमलता ब¨रकर2
1शधार्थी, समाजशाó अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.)
2वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक, समाजशाó अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.)
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 6,      Issue - 1,     Year - 2015


ABSTRACT:
परिवार एक आधारभूत और सर्वव्यापी संस्था है। संस्कृति के सभी स्तरों में पारिवारिक संगठन पाया जाता है।1. विश्व के सभी समाजों में शिशु का जन्म और पालन पोषण का उत्तरदायित्व परिवार का ही होता है। शिशुओं को संस्कार देने और समाज के आचार, व्यवहार और नियमों में दीक्षित करने का दायित्व मुख्यतः परिवार का ही होता है। इसी परम्परा और नियम के द्वारा समाज की सांस्कृतिक विरासत और संस्कृति एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को स्वभाविक रूप से हस्तांतरित होती रहती है।2. किसी भी व्यक्ति के प्रति पारिवारिक और सामाजिक दृष्टिकोण उसकी जीवन शैली का निर्धारण करता है। पारिवारिक एवं सामाजिक दृष्किोण से उसकी समस्त गतिविधियां भी प्रभावित होती हैं। फिर वह पुरुष हो या महिला। जहां तक सवाल है महिलाओं का तो उनके प्रति पारिवारिक व सामाजिक दृष्टिकोण से उनकी पूरी जीवनशैली प्रभावित होती है। परिवार और समाज की महिलाओं के बारे में सोच, व्यवहार आदि से उनके भविष्य की दिशा भी तय होती है। भारतीय इतिहास के पन्ने इस बात के साक्षी हैं। वैदिक काल से लेकर मध्यकाल और आधुनिक काल तक महिलाओं की स्थिति एक सी नहीं रही है।


Cite this article:
कमलेश ग¨गिया, हेमलता ब¨रकर. महिला खिलाड़िय¨ं क¢ प्रति परिवार एवं समाज क¢ दृष्टिक¨ण का एक विशलेषण. Research J. Humanities and Social Sciences. 6(1): January-March, 2015, 29-32.

Cite(Electronic):
कमलेश ग¨गिया, हेमलता ब¨रकर. महिला खिलाड़िय¨ं क¢ प्रति परिवार एवं समाज क¢ दृष्टिक¨ण का एक विशलेषण. Research J. Humanities and Social Sciences. 6(1): January-March, 2015, 29-32.   Available on: https://rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2015-6-1-6


संदर्भः
1.  दुबे, श्यामाचारण, मानव अ©र संस्कृति, राजकमल प्रकाशन प्रा. लि., नई दिल्ली, 1993, पृष्ठ-101.
2   वेबसाइट- भारतडिस्कवरीडाॅटअ¨रजी, भारतक¨श.
3.  सिंह, रमा., ”शक्षित हिंदू महिलाएं एवं धर्म”, बी.आर. पब्लिशिंग कार्पाेरेशन, नई दिल्ली, 1998, पृष्ठ-51.
4.  कुजूर, स्कालास्तिका., ”वैदिक एवं धर्मशाóीय साहित्य में नारी”, बनारस, 1982, पृष्ठ-334.
5.  भल्ला, अजय., अ¨लंपिक (776-1938).  
6.  वेबसाइट-वीकिपीडिया.
7.  दीक्षित, सुरेश., ”खेल मनोविज्ञान”, स्पोट्र्स पब्लिकेशन, नई दिल्ली, 2006, पृष्ठ-107.
8.  वार्षिक-प्रशासकीय प्रतिवेदन-2010-11, छत्तीसगढ़ शासन, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, 2010, पृष्ठ-29

Recomonded Articles:

Research Journal of Humanities and Social Sciences (RJHSS) is an international, peer-reviewed journal, correspondence in the fields of arts, commerce and social sciences....... Read more >>>

RNI: Not Available                     
DOI: 10.5958/2321-5828 


Recent Articles




Tags