ABSTRACT:
भारत में आर्थिक नियोजन के लिए सर्वप्रथम 1938 में पं. जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में राष्ट्रीय नियोजन समिति ;छंजपवदंस च्संददपदह ब्वउउपजजममद्ध का गठन किया गया। श्री जवाहर लाल नेहरू देश के प्रथम प्रधानमंत्री बने इस लिए इस समिति के विचार करती नियोजनों के लिए आधार बने। राष्ट्रीय आयोजन समिति द्वारा दिये गये सुझाओं में समस्त मूल उद्योगों और सेवाओं खनिज साधनों, रेलों, जल मार्गो, नौ परिवहन और अन्य सार्वजनिक उपयोगिता वाले उद्योेगों में राज्य का स्वामित्व या नियंत्रण होना चाहिए तथा यह सिद्धान्त उन बड़े पैमाने के उद्योगों पर भी लागू होना चाहिए जिनमें एकाधिकार कायम होने की सम्भावना हो। समिति ने बड़े उद्योगों के साथ-साथ लघु एवं कुटीर उद्योगों के विकास की भी सिफारिश की। समिति ने विकास के लिए तीव्र औद्योगिकरण को आवश्यक बताया। समिति के अनुसार कृषि के विकास के बिना राष्ट्रीय विकास आयोजन पूर्ण नहीं हो सकता अतः समिति ने उचित क्षतिपूर्ति देकर जमींदारी प्रथा के उन्मूलन की सिफारिश की तथा भूमि के वैयक्तिक स्वामित्व के अधिक फैलाव को स्वीकार करते हुए सहकारी खेती ;ब्ववचमतंजपअम थ्वतउपदहद्ध के सिद्धान्तों के आधार पर कृषि की सिफारिश की गयी। इसके अतिरिक्त ऊँची कृषि आय पर आयकर की भाँति प्रत्यक्ष कर लगाये जाने की सिफारिश की गयी। राष्ट्रीय आयोजन समिति ने दस वर्षो में जन सामान्य का जीवन स्तर दूगना करने का लक्ष्य रखा।
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आशीष दुबे, राजेश अग्रवाल. भारत में आर्थिक नियोजन. Research J. Humanities and Social Sciences. 4(1): January-March, 2013, 106-109.
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आशीष दुबे, राजेश अग्रवाल. भारत में आर्थिक नियोजन. Research J. Humanities and Social Sciences. 4(1): January-March, 2013, 106-109. Available on: https://rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2013-4-1-22
संदर्भ गं्रथ
1 भारतीय अर्थशास्त्र - रूद्रदत्त एवं सुन्दरम्
2 आर्थिक विकास एवं नियोजन - एस. पी. सिंह
3 प्रतियोगिता दर्पण
4 मनोरमा ईयर बुक