Author(s):
Nistar Kujur, B.L. Sonekar
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Address:
Dr. Nistar Kujur1 and Dr. B.L. Sonekar2
1Asstt. Professor, School of Studies in Sociology, Pt. Ravishankar Shukla University, Raipur (C.G.) - 492010
2Asstt. Professor, School of Studies in Economis, Pt. Ravishankar Shukla University, Raipur (C.G.)-492010
*Corresponding Author:
Published In:
Volume - 2,
Issue - 1,
Year - 2011
ABSTRACT:
मानव समाज के प्रादुर्भाव से ही समाज में स्त्री व पुरूष अस्तित्व में रहा है तथा मानव जीवन के सर्वांगीण विकास में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मानव की आज जो भी उपलब्धि है वह स्त्री व पुरूष के संयुक्त प्रयत्नों का परिणाम है। आज पुरूष यह नहीं कह सकता की समाज की संस्कृति, परम्परायें, भाषा, बौद्धिक विकास इत्यादि केवल पुरूष के प्रयत्नों के फलस्वरूप समाज में विद्यमान है। अर्थात जीवन के प्रत्येक पक्ष में महिलायें शामिल रही है। किन्तु नीति निर्धारण संस्थाओं में उनकी 10 प्रतिशत से अधिक सहभागिता नहीं है। संगठित क्षेत्र में भी उनकी संख्या 6 प्रतिशत से कम है। हमारे देश में ज्यादातर महिलायें असंगठित क्षेत्र में काम करती है, जैसे - कृषि, मजदूरी, घरेलू नौकर तथा निर्माण मजदूर के तौर पर। इन क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं को पुरूषों से काफी कम मजदूरी मिलती है, उदाहरण के लिए कृषि मजदूरों में महिलाओं को पुरूषों की मजदूरी का 40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक मिलता है, जबकि वे पुरूषों से कहीं अधिक कठोर श्रम के काम करती हंै।¬1
Cite this article:
Nistar Kujur, B.L. Sonekar. भारतीय लोकतन्त्र में महिला राजनीतिक सहभागिताः एक समाजशास्त्रीय विश्लेषण. Research J. Humanities and Social Sciences. 2(1): Jan.-Mar. 2011, 27-29.
Cite(Electronic):
Nistar Kujur, B.L. Sonekar. भारतीय लोकतन्त्र में महिला राजनीतिक सहभागिताः एक समाजशास्त्रीय विश्लेषण. Research J. Humanities and Social Sciences. 2(1): Jan.-Mar. 2011, 27-29. Available on: https://rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2011-2-1-8
REFERENCE:
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