Author(s): ज़ेड. टी. खान एवं सी. आर. रात्रे

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Address: ज़ेड. टी. खान एवं सी. आर. रात्रे
भूगोल अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर छत्तीसगढ़
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Published In:   Volume - 1,      Issue - 1,     Year - 2010


ABSTRACT:
सामाजिक संरचना में जाति का महत्वपूर्ण स्थान है। प्रत्येक मानव समूह अपनी परंपराओं, जीवन-शैली एवं क्रिया-कलापों के आधार पर एक विशिष्ट संस्कृति को धारण करता है। जातीय समूह के रहन-सहन में उसकी संस्कृति स्पष्ट परिलक्षित होती है । मेहर छत्तीसगढ़ की एक अनुसूचित जाति है। ग्रामीण समाज व्यवस्था पौनी-पसारी में से एक “मेहर“ मैदानी भागों के गांवों में तीन या चार परिवारों के औसत में निवास करते हैं।


Cite this article:
ज़ेड. टी. खान एवं सी. आर. रात्रे. शिवनाथ बेसिन में मेहर जाति की सांस्कृतिक दशाएं. Research J. of Humanities and Social Sciences. 1(1): Jan.-March 2010, 21-23

Cite(Electronic):
ज़ेड. टी. खान एवं सी. आर. रात्रे. शिवनाथ बेसिन में मेहर जाति की सांस्कृतिक दशाएं. Research J. of Humanities and Social Sciences. 1(1): Jan.-March 2010, 21-23   Available on: https://rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2010-1-1-5


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RNI: Not Available                     
DOI: 10.5958/2321-5828 


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